रांची. आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची में भारत में मौद्रिक नीति और बदलती रूपरेखा (Monetary Policy in India..Changing Contours) विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, अर्थशास्त्र, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज और रूरल डेवलपमेंट विभाग के संयुक्त सौजन्य से आयोजित इस कार्यशाला सह सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ. विनीत कुमार श्रीवास्तव, डायरेक्टर, एंड एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट टू डिप्टी गवर्नर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने की। मुख्य वक्ता का तौर पर डॉ. विनीत कुमार श्रीवास्तव ने विस्तार से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कार्य प्रणाली और उसके क्रियान्वयन के विषय में पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया। उन्होंने भारत की मौद्रिक नीति की विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि आर्थिक संकट के समय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कैसे कार्य करती है। उन्होंने विद्यार्थियों को आधुनिक युग में मौद्रिक नीति को समझना अत्यावश्यक बताते हुए कहा कि इसे समझने के साथ हम देश की अर्थव्यवस्था की बारीकियों को समझ पाएंगे।
उन्होंने काफी सरल माध्यम में पूरे देश की पंचवर्षीय योजनाओं और आर्थिक नीति की विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अर्थशास्त्री सह कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने विस्तार से विद्यार्थियों को आजादी के उपरांत भारत की पंचवर्षीय योजनाओं में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की भूमिका के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में मौद्रिक नीति का क्या महत्व है। उन्होंने मौद्रिक नीति के बदलते स्वरूप को बताते हुए कहा कि मौद्रिक नीति के द्वारा ही आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है और आर्थिक विकास की ओर प्रगति की जा सकती है।
उन्होंने मौद्रिक नीति के मुख्य उद्देश्यों में आर्थिक विकास की प्राप्ति, आर्थिक स्थिरीकरण और पूर्ण रोजगार बताया। इससे पूर्व कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने डॉ. विनीत कुमार श्रीवास्तव और विशेष अतिथि के तौर पर डीएसडब्ल्यू डॉ. एसएम अब्बास ने कुलपति डॉ. तपन कुमार को सम्मानित किया। मौके पर डॉ. एसएम अब्बास, डॉ. अशोक नाग, डॉ. रजनी कुमारी, डॉ. विनय भरत, डॉ. आईएन साहू और कॉमर्स, अर्थशास्त्र, मैनेजमेंट और रूरल डेवलपमेंट के विद्यार्थी मौजूद थे। यह जानकारी पीआरओ प्रो. राजेश कुमार सिंह ने दी।