Desk. डीजीसीए ने सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय तरीके से परिचालन जारी रखने में विफल रहने पर गो फर्स्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही डीजीसीए ने गो फर्स्ट को अगले आदेश तक टिकटों की बिक्री तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है। इस बीच राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से गो फर्स्ट ने अपील की है कि स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर जल्द फैसला किया जाए। न्यायाधिकरण ने चार मई को गो फर्स्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड (गो फर्स्ट) की उड़ानों के अचानक रद्द होने और आईबीसी के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के मद्देनजर डीजीसीए ने विमानन कंपनी से जवाब मांगा है। कुशल और विश्वसनीय तरीके से सुरक्षित रूप से सेवा संचालन जारी रखने में विफलता के लिए विमान नियम, 1937 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत गो फर्स्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इसकी जानकारी दी है।
वहीं एयरलाइन ऑपरेटर से नोटिस मिलने के 15 दिनों के जवाब मांगा गया है। गो फर्स्ट में एयर ऑपरेटर्स सर्टिफिकेट (एओसी) को जारी रखने पर आगे का निर्णय उनकी ओर से प्रस्तुत जवाब के आधार पर लिया जाएगा। इसके अलावा, गो फर्स्ट को तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से टिकटों की बुकिंग और बिक्री को रोकने का निर्देश दिया गया है।