आज दिनांक 11 जनवरी 2024 को 11 बजे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के परिसर अखड़ा में टुसू मिलन समारोह का आयोजन किया गया। हिंदी और जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की शोभा दर्शनीय रही । मौके पर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति dr तपन कुमार शांडिल्य ने अपने उदबोधन में कहा कि यह लोकपर्व हमारी एकता और अखंडता का प्रतीक है। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में गहराई से निहित यह भव्य महोत्सव संगीत, नृत्य और उत्सव का एक जीवंत प्रदर्शन है जो समुदायों को एकजुट करता है और झारखंडी परंपराओं का सार प्रदर्शित करता है।
यह पर्व भूमि को उर्वरता और समृद्धि का आशीर्वाद देता है। यह पर्व एक प्रकार से झारखंड के सांस्कृतिक ताने बाने का एक अभिन्न अंग बन जाता है। उन्होंने आगे कहा कि dr श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय झारखंड की संस्कृति से जुड़े किसी भी पर्व की महत्ता को समझते हुए उसे काफी उत्साह और मनोयोग से मनाता है ताकि समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया जा सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ एसएम अब्बास ने टुसू पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ जिन्दर सिंह मुण्डा ने कहा कि टुसू मिलन समारोह का मुख्य उद्देश्य संस्कृति से कट रहे युवाओं को पारंपरिक संस्कृति से जोड़ना है।
इससे पहले डॉ पी पी महतो की अगुवाई में टुसू देवी का पारंपरिक तरीके से पूजन किया गया।इस भव्य समारोह में विश्वविद्यालय के हजारों छात्र-छात्राओं ने टुसू गीत एवं नृत्य द्वारा कार्यक्रम को काफी आकर्षक तौर पर सफल बनाया। इस अवसर पर कुलसचिव dr नमिता सिंह, डॉ बिनोद कुमार, dr अभय सागर मिंज, प्रो रामदास उरांव, डॉ निताई सहित विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों सहित समारोह के सफल आयोजन में बबलू महतो, प्रशांत, ऋषभ, रवि, कमलेश , अमनजीत, अशोक, अभय, रूपेश , संजय, राजेश, समेत सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति और सराहनीय भूमिका रही। यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी।