पलामू. जिले के दो टॉप माओवादी कमांडर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। टॉप माओवादी कमांडर संतु भुइयां और राजेश ठाकुर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। दोनों पर कई मुकदमें दर्ज हैं। अब आत्म समर्पण नीति के तहत मिलने वाला लाभ दोनों को दिया जाएगा। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अभी राजेश ठाकुर को 1,00,000 रुपये का चेक दिया गया है।
इसको लेकर पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि झारखण्ड पुलिस के द्वारा उग्रवादियों के उन्मूलन के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। इन कार्रवाइयों के अन्तर्गत जहां एक ओर उग्रवादियों के उन्मूलन के लिए उनके मांद में सघन अभियान चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर झारखण्ड सरकार आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का प्रचार-प्रसार घोर उग्रवाद एवं दूरस्त ईलाकों में सफलता पूर्वक किया जा रहा है। इस कड़ी में झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर भाकपा (माओवादी) का सबजोनल कमांडर संतू भूईया उर्फ संतोष भूईया उर्फ धनंजय भुईया उम्र 32 वर्ष पिता-सुर्यदेव भूईया ग्राम करकट्टा टोला सिरयभुक्का थाना नौडीहा बाजार जिला पलामू तथा नक्सली कमांडर राजेश ठाकुर पिता स्व0 अयोध्या ठाकुर, ग्राम तुकबेरा थाना नावाबाजार जिला पलामू आज दिनांक 19.04.2023 को पुलिस महानिरीक्षक पलामू प्रक्षेत्र पलामू राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त पलामू आंजेनयुलू दाोड्डे, पुलिस अधीक्षक पलामू चन्दन कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक गढंवा अंजनी कुमार झा, समादेष्टा सीआरपी एफ-134 बटालियन सुदेश कुमार, उपसमादेष्टा सी0आर0पी0एफ0-172 बटालियन यू0आर0 रामेश्वरम, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर मेदिनीनगर ऋषभ गर्ग एवं अन्य पदाधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किये।
आत्मसमर्पण किए दोनों उग्रवादियों ने बताया कि भा0क0पा0 (माओवादी) संगठन के शोषण से ये लोग तंग आ चुके थे और संगठन से इनका मोह भंग हो गया था। संगठन के शीर्ष स्तर के कमाण्डर ऐशो-आराम में जीते हैं और लेवी की राशि पर उन्ही का कब्जा रहता है। किन्तु छोटे कमाण्डर एवं दस्ता सदस्यों को बडे़ ही कठिन परिस्थिति में जीना पड़ता है। उनके घरवालों के लिए कोई आर्थिक मदद नहीं दी जाती। इस कारण से ही इन दोंनों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण की बात इनके मन में आ रही थी। इसी बीच में एक बार घर-परिवालों से सम्पर्क किये तो उनलोगों ने बताया कि पलामू पुलिस के लोग घर पर आये थे एवं झारखण्ड सरकार की आत्मसर्पण नीति के बारे में विस्तार से बताया था। शुरू में इन्हें इस बात का भरोसा नहीं हुआ कि झारखण्ड सरकार आत्मसर्पण नीति के तहत इतना लाभ आत्मसर्पण करने वाले उग्रवादियों को देने के लिए तैयार है। बाद में पुलिस अधीक्षक पलामू से सम्पर्क करने पर उन्हेनें विश्वास दिलाया कि आत्मसमर्पण नीति के तहत सारी लाभ दिलवाये जाऐगें।
साथ में यह भी भरोसा दिलाये की उनके परिवार के कल्याण के संबंध में भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। आत्मसर्पण किये उग्रवादियों ने यह भी बताया कि माआवादियों के शीर्ष नेता यह डराते है कि आत्मसर्पण करने जाओगे तो पुलिस झुठा मुठभेड़ दिखाकर मार देगी। किन्तु पुलिस अधीक्षक पलामू चन्दन कुमार सिन्हा से बात करने पर इन्हें यह विश्वास हो गया कि पुलिस की नियत सही है, वे सचमुच में आत्मसमर्पण कराना चाहते है। तब आत्मसमपर्ण करने के लिए अंततः तैयार हो गए। आत्म समर्पण नीति के तहत मिलने वाला लाभ इन्हें शीघ्र दिया जाएगा। अभी राजेश ठाकुर को 1,00,000 रुपये का चेक दिया गया है।