संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में हाल ही में भारतीय राजनयिक भविका मंगलानंदन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को कश्मीर मुद्दे पर करारा जवाब दिया। शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया था और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की थी। इसके जवाब में भविका ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है।
भविका मंगलानंदन ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान के झूठे दावों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने देश में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान देना चाहिए। भारतीय सरकार ने भविका के इस साहसिक कदम की सराहना की है और इसे भारत की मजबूत स्थिति का प्रतीक बताया है। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने भविका के बयान को खारिज करते हुए इसे ‘असत्य’ और ‘भ्रामक’ करार दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर तनाव बढ़ा है। इससे पहले भी दोनों देशों के बीच कई बार इस मुद्दे पर तीखी बहस हो चुकी है। भविका मंगलानंदन, जो भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी हैं, ने 2015 में UPSC परीक्षा पास की थी और IIT दिल्ली से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उनकी इस साहसिक प्रतिक्रिया ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत किया है और पाकिस्तान को एक बार फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है।