पटना : बिहार में शिक्षक भर्ती नियमों के संशोधन के बाद राजधानी पटना में अभ्यर्थियों ने जमकर बवाल किया है। युवाओं ने शनिवार का पटना के गांधी मैदान में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कुछ ही देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। कुछ प्रदर्शनकारियों को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में हिरासत में भी लिया गया है। गांधी मैदान से आगे बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन वे लोग नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भाजीं और प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर बितर किया।
बता दें कि 27 जून को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षक भर्ती नियमों के संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद अभ्यर्थी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार के युवाओं का कहना है कि इस संशोधन के जरिए बिहार सरकार राज्य के छात्रों का हक मार रही है।
‘हमारा हक मार रही सरकार’
दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को बिहार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने की अनुमित देने के बाद राज्य के अभ्यर्थियों में गुस्सा है। छात्र शिक्षा मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार राज्य के छात्रों का हक मार रही है, उनके साथ अन्याय हो रहा है। छात्रों का कहना है कि बिहार सरकार यहां के छात्रों के साथ जानबूझ कर ज्यादती कर रही है। सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
‘उम्मीदवारों को चेतावनी- प्रदर्शन में हुए शामिल तो होगी सख्त कार्रवाई’
बिहार शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक नोटिस में प्रदर्शन में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। नोटिस में लिखा है कि विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति नियमावली 2023 के विरोध में आंदोलन करने पर नियमावली 2020 की कंडिका-19 में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आने पर कार्रवाई की जाए। साथ ही कार्यालय के आस-पास धरना-प्रदर्शन मामले का वीडियोग्राफी करना भी सुनिश्चित किया जाए ताकि आचार संहिता उल्लंघन मामले की पहचान करना आसान हो।
‘सरकारी स्कूलों की शिक्षा में होगा सुधार’
वहीं बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का कहना है कि इससे बिहार के सरकारी स्कूलों की शिक्षा में सुधार होगा और एजुकेशन लेवल अच्छा होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने यह तक कह दिया है कि राज्य में कम योग्य लोग हैं। इस बयान के बाद युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
क्या है बिहार में शिक्षक भर्ती का नया संशोधन?
दरअसल, बिहार सरकार ने 27 जून को कैबिनेट बैठक में राज्य में शिक्षक भर्ती नियमों के संशोधन को मंजूरी दे दी है। नए नियम में बिहार सरकार ने दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी बिहार में आवेदन करने की छूट दी है। इस नये बदलाव के बाद, अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाला देश का कोई भी नागरिक बिहार में सरकारी शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदक के राज्य का स्थायी निवासी होने की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। इससे पहले शिक्षक नियुक्ति के लिए आवेदक को बिहार का निवासी होना अनिवार्य था।