Ranchi : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को 5 दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है. इससे पहले वीरेंद्र रात को रांची की विशेष पीएमएमए अदालत के सामने पेश किया गया. जानकारी के अनुसार ईडी के वकील ने 10 दिन की कस्टडी मांगी थी, लेकिन न्यायाधीश पीके शर्मा ने 5 दिन की रिमांड देने का फैसला किया. बुधवार की देर रात वीरेंद्र राम को ईडी ने पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया था. इसके बाद आज यानि गुरूवार को सदर अस्पताल में मेडिकल जांच कराया गया, मेडिकल के बाद विशेष पीएमएलए अदालत में वीरेंद्र राम को पेश किया गया.
ईडी सूत्रों की मानें तो बरामद जेवरात के अलावा 125 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के कागजात भी मिले हैं. ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर वीरेंद्र राम से जुड़े 24 ठिकानों पर ईडी ने रेड डाला. जहां मंगलवार सुबह छापेमारी शुरू की गई थी. ईडी के अधिकारी छापेमारी के बाद वहां से निकल गए. जानकारी के मुताबिक एक पेन ड्राइव भी मिला है, जिसमें कई तरह के डेटा हैं, कहा जा रहा है कि उस पेनड्राइव में ठेकेदारों से पैसे लेने और कई नेताओं को पैसे पहुंचाने के सबूत हैं. जिसके बाद कई और लोग ईडी की रडार में आने वाले हैं.
विस चुनाव के दौरान मिले थे 2.5 करोड़
चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उसके घर से लगभग 2.5 करोड़ रुपये नगद मिले थे. खबर तो ये भी है कि उनकी पत्नी राजकुमारी जुगसलाई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी. वीरेंद्र राम आय से अधिक कमाई की मदद से जमशेदपुर के सोनारी में अपार्टमेंट, मानगो के ग्रीन वाटिका में दो डुप्लेक्स खरीदी है. वीरेंद्र राम के पास रांची ,पटना और सीवान में करोड़ो की अवैध संपत्ति है.
कई जांचों में घिरे हैं वीरेंद्र राम
बता दें कि वीरेंद्र राम पर पहले से आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी की जांच चल रही है. इन्हें पद से हटाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में भी मामला चल रहा है. वीरेंद्र राम ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता के रूप में कार्यरत थे. उन्हें जनवरी के पहले सप्ताह में मुख्य अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग का प्रभार दिया गया है.
इसे भी पढ़ें : जिन्होंने राज्य के लिये लाठी नहीं खाई, वो मलाई खाते रहे…रामगढ़ में विपक्ष पर सीएम हेमंत का हमला