दिनांक 25 और 26 जून को dr श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के एनएसएस ईकाई के द्वारा दो दिवसीय नशा मुक्ति अभियान के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके तहत नशा मुक्ति पर निबंध लेखन, स्लोगन और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कुल 150 प्रतिभागियों ने उपरोक्त विषय पर अपनी प्रतिभा को दर्शाया। आज इस प्रतियोगिता के सफल प्रतिभागियों को कुलपति dr तपन कुमार शांडिल्य और कुलसचिव dr नमिता सिंह के द्वारा पुरस्कृत किया गया। मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति dr तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि नशा आज के संदर्भ में एक सामाजिक बीमारी का रूप धारण कर चुका है। विश्वविद्यालय इसे एक सामाजिक दायित्व के निर्वहन से जोड़कर कई सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। कुछ दिनों पूर्व विश्वविद्यालय के द्वारा नशा मुक्ति अभियान के तहत नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया था, आज उसी श्रृंखला की दूसरी कड़ी में उसी विषय पर निबंध लेखन और पोस्टर मेकिंग जैसी प्रतियोगिताओं के आयोजन कर यह संदेश प्रबल तौर पर देने का प्रयास है कि नशा मुक्त समाज ही विकसित देश की पहचान स्थापित करेगा।
आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में भारत में प्रति 1 लाख व्यक्ति पर 250 लोग नशे की गिरफ्त में है। उन्होंने आगे विजेताओं को में पुरुस्कृत करते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश माना जाता है। हमें युवाओं को नशे से बचाकर युवा शक्ति का निर्माण कर भारत को 2047 तक विकसित भारत के रूप में नवनिर्माण करना है। उन्होंने नशे से बचाव पर कहा की युवाओं को सामाजिक गतिविधियों के साथ खेलों और स्कूल, महाविद्यालयों में एनसीसी, एनएसएस और रेडक्रॉस की गतिविधियों से जोड़कर समाज को जागृत करना है। कुलसचिव dr नमिता सिंह ने भी नशा मुक्त समाज और देश की आवश्यकता पर बल दिया। मौके पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी dr अभय कृष्ण सिंह , dr शमा सोनाली, dr रीना नंद और dr शुचि संतोष बरवार उपस्थित थे। यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी।