पतझड़ का मौसम चल रहा है, पेड़ों से पत्ते झड़ रहे हैं. आप जिस भी पेड़ के आसपास से गुजरेंगे आपको जमीन पर पत्ते ही पत्ते गिरे दिखेंगे. लेकिन क्या आपको पता है पतझड़ में पेड़ों के पत्ते क्यों झड़ते हैं ?
दरअसल, पतझड़ ऋतु से पहले गर्मी का मौसम रहता है. गर्मी में पेड़ सूरज की किरणों की मदद से अपने लिए खाना बना लेते है, और कुछ खाने को संचय करके रखते है. इस प्रक्रिया को photosynthesis कहते है. शरद ऋतु में पेड़ो को खाना बनाने के लिए जरुरी रोशनी नहीं मिल पाती और वो अपने जमा किये गए खाने में ही निर्भर रहते है. और, पेड़ अपना बहुत सारा पानी पत्तो के छोटे- छोटे छेदों में से निकाल देते है. इससे पेड़ो का जमा किया गया बहुत सारा पानी खत्म हो जाता है. इसे रोकने ले लिए पेड़ उस जगह को सील कर देते है जहां से पत्ते पेड़ से जुड़े होते हैं. सील की वजह से पत्तो को जरुरी खाना और पानी नहीं मिल पाता, और वो सूख कर पेड़ो से नीचे गिर जाते है. इस तरह पेड़ अपने अधिकतर पत्ते गिरा देते हैं ताकि उन्हें सर्दी में पानी की कमी ना हो और वो मरे नहीं. वसंत ऋतु में नए पत्ते फिर से आ जाते है और पेड़ फिर से हरे- भरे हो जाते है.