नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के जम्मू स्थित घर पर शनिवार को विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई. बैठक को बाद अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रॉपर्टी टैक्स के खिलाफ बंद बुलाया था. लेकिन, प्रदेश के युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. ये दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर में हालात अच्छे नहीं हैं. जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा हटाकर उसे दो केंद्र-शासित राज्य बनाना देश के लिए त्रासदी है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, J&K में समय से पहले चुनाव कराने की चुनाव आयोग से मांग करेंगे. साथ ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिलवाने में भी मदद मांगेंगे. इसके लिए वे देशभर की विपक्षी पार्टियों से मिलेंगे.
साथ ही फारुख अब्दुल्ला ने सरकार पर धार्मिक लकीरें खींचकर देश को बांटने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस पर रोक लगनी चाहिये. डर और नफरत की राजनीति नयी नहीं है. फारूक अब्दुल्ला ने सवाल उठाये कि देश के करोड़ों मुसलमानों को ये लोग समुंद्र में फेंक देंगे या चीन भेज देंगे.
अब्दुल्ला ने कहा कि हमें महात्मा गांधी के आदर्शो पर चलना चाहिए. गांधी जी ने राम राज्य की बात की थी, इसका मतलब था ऐसा कल्याणकारी राज्य, जहां सभी को बराबर मौके मिले और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो. किसी भी समुदाय को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं करना चाहिये.