नई दिल्ली : भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आश्वस्त किया है कि इस साल कोर्ट में दायर होने वाले संभावित 57,000 मामलों का पूरी तरह निपटारा कर दिया जाएगा। इस साल बैकलॉग में नए मामले नहीं जोड़े जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “न्यायाधीशों की एक टीम के रूप में आपने हम पर जो विश्वास जताया है, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं। मुख्य न्यायाधीश अपने सहयोगियों की सहायता के बिना कुछ भी नहीं कर सकता। मेरे सहयोगियों ने पिछले पांच महीनों में मुझे कुछ लगातार सहयोग दिया है।”
9 नवंबर 2022 से 11 अप्रैल, 2023 तक सुप्रीम कोर्ट में 22,208 मामले दायर
सीजेआई ने अपने अब तक के कार्यकाल में दायर मामलों का डाटा बताते हुए कहा, “9 नवंबर, 2022 को मेरे पद संभालने से लेकर 11 अप्रैल, 2023 तक सुप्रीम कोर्ट में 22,208 मामले दायर किए गए, 104000 मामले सूचीबद्ध किए गए और 22,054 मामलों का निपटारा किया गया।
इसलिए हम निर्धारित समय से केवल 100 मामले पीछे हैं जिन्हें हम दो दिनों में कवर कर लेंगे। यह इसलिए भी संभव है क्योंकि अब बुधवार और गुरुवार को भी नियमित सुनवाई की जा रही है। हालांकि इन दो दिनों में रफ्तार धीमी है लेकिन ऐसा करके हम कुछ पुराने मामलों को भी सूचीबद्ध कर रहे हैं।”
इस साल करीब 57,000 पहुंच सकती है मामलों की संख्या
सीजेआई चंद्रचूड़ ने 2022 के 11 महीनों का आंकड़ा देते हुए बताया, “पिछले साल जनवरी से नवंबर के बीच सुप्रीम कोर्ट में 35,791 मामले दायर किए गए थे। इस साल 1 जनवरी से 11 अप्रैल के बीच हमने जो दाखिल मामलों की दर हासिल की है, उससे अनुमान है कि इस साल मामलों की संख्या करीब 57,000 पहुंच सकती है।”
इस साल बैकलॉग में नहीं होगी वृद्धि
जस्टिस चंद्रचूड़ ने ध्यान दिलाया कि पिछले साल महामारी का प्रकोप नहीं था बावजूद इसके 35,000 मामले ही दायर हुए थे। और उसके विपरित इस साल 57,000 मामले दायर होने की उम्मीद है। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं कि हम 57,000 मामलों का निपटारा करेंगे और इस साल बैकलॉग में वृद्धि नहीं करेंगे।”
हर दिन करीब 200 मामलों का वेरिफिकेशन
हर शाम मुझे रजिस्ट्रार जनरल या सेक्रेटरी जनरल या लिस्टिंग के प्रभारी रजिस्ट्रार से उन मामलों के संबंध में एक रिपोर्ट मिलती है जो वेरीफाइड हैं और जो वेरिफिकेशन के लिए लंबित हैं। हर दिन औसतन 190-200 मामलों का वेरिफिकेशन किया जाता है और हर दिन लगभग 195 मामले दर्ज किए जाते हैं।