डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के टीआरएल विभाग के द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कुरुख विभाग के समन्वयक प्रो रामदास उरांव ने की। समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत टीआरएल विभाग के विद्यार्थियों के द्वारा स्वागत गान के साथ किया गया। तत्पश्चात अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। मुख्य अतिथि और वक्ता पूर्व कुलपति डॉ. प्रो सत्यनारायण मुंडा ने आदिवासी संस्कृति की झलक से लोगों को अवगत कराया, उन्होंने आदिवासियों से हर क्षेत्र में भागीदारी की बात की ताकि उनका अस्तित्व शेष रहे । उन्होंने आदिवासियों के शिक्षित होने पर जोर दिया। उन्होंने कहा की आज हमारी जनजातियां पर्यावरण को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहें हैं जिससे जैव विविधता की रक्षा हो रही है, और पर्यावरण संतुलन कायम है। उन्होंने लोगों से कहा की हमें अपने आदिवासी होने पर हमेशा गौरवान्वित होना चाहिए तब हीं हम अपने जनजातीय अस्तित्व को बचा सकते हैं। तत्पश्चात उन्होंने बताया की कैसे नेल्सन मंडेला और बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों ने आदिवासी संस्कृति को बचाने में अपना योगदान दिया ताकि उनका अस्तित्व बना हुआ है।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के सेवानिवृत प्रो . dr दिवाकर मिंज ने आदिवासियों में पाए जानेवाली विभिन्न विशेषताओं ओर विभिन्नताओं की विस्तार से चर्चा की । उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज में साहित्य का सृजन आवश्यक है जो उनकी प्रगति और उन्नति का सूचक है। उन्होंने आदिवासियों के स्वावलंबी होने पर बल दिया। अन्य वक्ताओं में जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. गणेश चंद्र बास्के ने अपने संबोधन में जनजातियों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय ही जैव विविधता की रक्षा करते हैं । उन्होंने उन आदिवासी समुदायों की चर्चा की जो पूर्णतः जंगलों में रहते हैं तथा बाहरी लोगों से मेल मिलाप नहीं करते । उन्होंने बताया कि इन समुदायों की रक्षा हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी व्यवस्था की है। राष्ट्र संघ ने उनके पलायन को रोकने पर भी जोर दिया है। उन्होने आदिवासी समुदायों द्वारा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की बात की, जिसके परिणामस्वरूप प्रशासनिक पदों पर उनके योगदान को सुनिश्चित किया जा सके और उनकी संस्कृति की भी रक्षा हो। मंच संचालन जय किशोर मंगल के द्वारा और धन्यवाद ज्ञापन मनोज कच्छप के द्वारा किया गया। इस अवसर पर टीआरएल विभाग के प्राध्यापक लक्ष्मीकांत प्रमाणिक, डुमिनी माई मुर्मू , dr सीता कुमारी, संतोष मुर्मू सहित विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी.