झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में वित्तीय अनियमितता और 20 करोड़ रुपये से अधिक के गबन से जुड़ा मामला सामने आया है। एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने इस गबन की जांच शुरू कर दी है और जांच की जिम्मेदारी डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गयी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में विभागीय कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। जांच के दौरान कई फर्जी खाते और मृतक कर्मियों के नाम पर पेआईडी खोलने की बात सामने आयी है। इतना ही नहीं, इन खातों के माध्यम से बड़ी रकम की हेराफेरी भी उजागर हुई है।
जांच में एक रोचक मोड़ तब आया जब पता चला कि संतोष नामक रोकड़पाल ने विभाग द्वारा कंपनी को किये जाने वाले भुगतान की राशि अपने निजी खाते में रख ली थी। इस पैसे से वरिष्ठ अधिकारियों को महंगे उपहार जैसे जेवरात, लैपटॉप और मैकबुक दिये गये थे। वित्त विभाग की जांच के अनुसार, भुगतान के नाम पर कई फर्जी खाता खोले गये और मृतक कर्मी के नाम पर भी खाता बना दिया गया था। एसीबी ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया है और सरकार के निर्देश पर जांच की प्रक्रिया तेज कर दी है।
अब तक की जांच में चार ट्रेजरी अफसरों को निलंबित किया जा चुका है। वित्तीय अनियमितता की कुल राशि लगभग 59 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले के उजागर होने के बाद रांची के डीआइजी सह एसएसपी ने एसीबी जांच की अनुशंसा की। एसीबी ने इस प्रकरण से जुड़े कई अहम दस्तावेज हासिल कर लिये हैं और जांच के बाद साक्ष्य संकलन की दिशा में कार्रवाई की जायेगी।