मुंबई में हाल ही में एक कॉमेडी शो के दौरान हुए विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हास्य कलाकार कुनाल कामरा के एक बयान पर नाराजगी जताते हुए मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ की। कामरा ने शिवसेना नेता और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर ‘गद्दार’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए एक पैरोडी गीत प्रस्तुत किया था, जिससे शिवसेना कार्यकर्ता भड़क उठे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कामरा को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसकी भी सीमाएं हैं और दूसरों की स्वतंत्रता का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता।
इस घटना के बाद, हैबिटेट स्टूडियो ने अस्थायी रूप से अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। स्टूडियो ने एक बयान में कहा कि वे कलाकारों की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं, लेकिन बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं ने उन्हें अपनी सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा के लिए कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। इस विवाद ने महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस घटना को लेकर शिंदे सरकार की आलोचना की और इसे असुरक्षा और असहिष्णुता का प्रतीक बताया।
पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं—एक कुनाल कामरा के खिलाफ उनके बयान के लिए और दूसरी शिवसेना कार्यकर्ताओं के खिलाफ तोड़फोड़ के लिए। इस घटना ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक असहमति के बीच संतुलन की आवश्यकता को उजागर किया है। यह विवाद न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में गहराई से जुड़े मुद्दों को सामने लाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे कला और राजनीति के बीच टकराव समाज में व्यापक प्रभाव डाल सकता है। मामला अभी जांच के अधीन है और आने वाले दिनों में इससे जुड़े और खुलासे हो सकते हैं।