भोपाल : यूनिफॉर्म सिविल कोड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि एक घर दो कानूनों से नहीं चल पाएगा। यह बातें प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही।
UCC के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है
पीएम ने कहा, एक घर दो कानूनों से नहीं चल पाएगा, ठीक उसी तरह से एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा, “यूनिफार्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। एक घर में दो कानून से घर नहीं चल पाएगा। भारत के संविधान में भी नागरिक के समान अधिकार की बात की गयी है। वोट बैंक की राजनीति हो रही है। पसमांदा मुस्लिम राजनीति के शिकार हो रहे हैं। कुछ लोग तुष्टीकरण की राजनीति करते है और देश को तोड़ते है। बीजेपी कैडर मुस्लिम को जाकर समझाए।”
भोपाल में पीएम मोदी ने समान नागरिक सहिंता (UCC) को लेकर पार्टी के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को स्पष्ट मैसेज दिया है। प्रधानमंत्री का यह बयान तब आया जब बीते दिनों ही लॉ कमीशन ने एक विज्ञप्ति जारी कर देश के नागरिकों से समान नागरिक संहिता पर उनसे लिखित सुझाव मांगे थे।
सुप्रीम कोर्ट कह रही कॉमन सिविक कोड लाओ
पीएम मोदी ने कहा आज हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में परिवार के सदस्य के लिए एक कानून हो, परिवार के दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो क्या वो घर चल पाएगा? फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट कह रही है कि कॉमन सिविल कोड लाओ।
पसमांदा मुस्लिम का शोषण इनके धर्म के एक वर्ग ने किया
पसमांदा मुस्लिम भाई-बहन हैं। वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने इनका तो जीना मुश्किल करके रखा है। वे तबाह हो गए, कोई फायदा नहीं मिला। कष्ट में गुजारा करते हैं। उनकी आवाज सुनने के लिए कोई तैयार नहीं। उनके ही धर्म के एक वर्ग ने पसमांदा मुसलमानों का शोषण किया है। इस पर देश में कभी चर्चा नहीं हुई। इनके साथ भेदभाव हुआ। इसका नतीजा इनकी कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ा। भाजपा सबका विकास, सबका साथ की भावना से काम कर रही है। तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर प्रधानमंत्री से उत्तरप्रदेश की BJP कार्यकर्ता रानी चौरसिया ने सवाल पूछा था- तीन तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मुस्लिम भाई-बहनों का भ्रम कैसे दूर करें?
क्या है समान नागरिक सहिंता?
समान नागरिक सहिंता देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानूनों की बात करती है। यानी, विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम देश में इस समय अलग-अलग धर्मों को लेकर अलग-अलग कानून हैं, इसलिए देश में बीजेपी बीते काफी सालों से यूसीसी लाने का प्रयास कर रही है, ये उसके कई चुनावी वादों में से एक बड़ा चुनावी वादा भी है।