नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दो साल की सजा के खिलाफ 3 अप्रैल को सूरत कोर्ट (Surat Court) में याचिका दाखिल कर सकते हैं। राहुल को CJM कोर्ट ने हाल में ही मोदी सरनेम के मानहानि केस में सजा सुनाई थी। सूत्रों के अनुसार फैसले को चुनौती देने वाली याचिका तैयार है। कल राहुल कोर्ट में दाखिल कर सकते हैं। वह मानहानि मामले में दोष पर रोक की मांग करेंगे। दोष पर रोक लगी तभी उनकी संसद सदस्यता बहाल हो सकेगी।
सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को दो साल कैद की सुनाई थी सजा
दरअसल, राहुल गांधी की 2019 की ‘मोदी सरनेम’ पर की गई टिप्पणी मामले पर सूरत की एक कोर्ट ने इसी साल 23 मार्च को उन्हें दोषी मानते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था और उनकी सदस्यता रद्द हो गई है। इसके बाद से ही कांग्रेस के तमाम नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मामले को लेकर कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उनके पास दो ही विकल्प है। या तो न्याय मिले या जेल भेजें। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक अपील का मतलब ही होता है कि आप निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हैं। ऐसे जेल भेजने के लिए कहने का कोई अर्थ नहीं है।
हमारे पास 30 दिनों का समय- जयराम रमेश
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी की कानूनी टीम ने कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए पर्याप्त मुस्तैदी नहीं दिखाई क्योंकि पार्टी कर्नाटक चुनाव से पहले इसे भुनाने का लक्ष्य बना रही थी। सवाल उठे रहे थे कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर तत्काल कार्रवाई हुई लेकिन राहुल गांधी की सजा के बाद नहीं। इसपर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि कानूनी टीम इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा था, हम जानते हैं कि कहां और कब अपील करनी है क्योंकि हमारे पास 30 दिनों का समय है।
क्या है पूरा मामला
राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘सारे चोरों के नाम मोदी कैसे हैं’। इसके बाद उनके खिलाफ केस हुआ था। उनपर पूरे मोदी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धूमिल करने का आरोपा लगा था। कोर्ट ने इसके खिलाफ अब उन्हें दो साल की सजा सुनाई है।