रांची : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी के बाद रिम्स रेडियोलॉजी विभाग के रेडियोग्राफर मो. अफसर अली को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें हिरासत में लिये जाने की तिथि 13 अप्रैल से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही अफसर अली के विरूद्ध आरोपपत्र गठित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है।
झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2016 के कंडिका-9 (2) (क) में निहित प्रावधान के तहत यह निर्देश जारी किया गया है। यह जानकारी रिम्स के पीआरओ डॉक्टर राजीव रंजन ने गुरुवार को दी है।
अफसर अली के विरूद्ध होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
रिम्स की ओर से जारी की गयी सूचना में बताया गया है कि रेडियोलॉजी विभाग के रेडियोग्राफर मो अफसर अली को हिरासत में लिये जाने की तिथि के प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही अफसर अली के विरूद्ध आरोप पत्र गठित करते हुए, अनुशासनिक कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है। झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2016 के कंडिका-9 (2) (क) में निहित प्रावधान के तहत यह निर्देश जारी किया गया है।
फर्जी डीड बनाने का मास्टरमाइंड है रिम्स कर्मी अली
सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन बेचने में आसनसोल के प्रदीप बागची को किंग पिन बताया जा रहा है। क्योंकि बंगाल में रजिस्टर्ड अधिकतर जमीन की डीड बागची के पिता प्रफुल्ल बागची के नाम पर है। लेकिन दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि बागची दरअसल जमीन दलाल अफसर अली का रबड़ स्टांप के रूप में काम कर रहा था। जमीन का नेचर बदलने, खाता-प्लॉट या क्षेत्रफल बदलवाने से लेकर कोलकाता में फर्जी डीड तैयार करने का असली मास्टरमाइंड रिम्स के थर्ड ग्रेड का कर्मचारी अफसर अली उर्फ अफ्सू खान है।