झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ईडी की कार्रवाई, राज्य में जातीय जनगणना और सरना धर्म कोड सहित कई मामलों पर अपना पक्ष रखा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, मैं आदिवासी हूं इसलिए मुझे परेशान किया जा रहा है। मुझ पर आरोप लगाता है बेनामी संपत्ति का राज्य में आदिवासी ना जमीन खरीद सकते हैं ना बेच सकते हैं।
किसी के दबाने से नहीं दबने वाले
हेमंत सोरेन ने कहा, हम किसी के बढ़ाने से यहां तक नहीं आये हैं ना किसी के दबाने से हम दबने वाले हैं। आर्यभट्ठ सभागार से तस्वीर हटाए जाने के मामले पर कहा कि हर गतिविधि को राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।
एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक हित के लिए
एजेंसियों का सहयोग राजनीतिक हित के लिए हो रहा है ,आप देख रहे हैं। देश और दुनिया के सामने हैं इस पर चर्चा हो रही है। हम सिर्फ संजय सिंह की बात क्यों करें। बहुत सारे लोग हैं कई तरह की चर्चा है। कई लोग कतार में हैं हमारे विषय में भी बात होती है। बेनामी संपत्ति … आप सभी को पता है कि मैं किस समूह से आता हूं। मैं आदिवासी समाज से हूं मुझ पर बेनामी संपत्ति का आरोप लगता है। जिस संपत्ति की ना खरीद होती ना बिक्री होती है, ना बैंक मदद करता हैं तो आदमी उस संपत्ति का करेगा क्या। विपक्ष के लोग कई संस्था के प्रवक्ता भी बने पड़े हैं। अपनी बौद्धिक क्षमता का उपयोग इसमें कर रहे हैं कि कैसे कमजोर वर्ग को आने से रोका जाए। यह प्रयास हर बार जारी है।