चतरा : चतरा जिला में पिछले दिनों हुए एनकाउंटर का बड़ा असर हुआ है। ऐसा लगता है कि पुलिस की कार्रवाई से नक्सलियों में भय का माहौल हो गया है। क्योंकि भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी सदस्य 15 लाख के इनामी नक्सली इंदल गंझू ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। बिहार के गया जिले के इमामगंज थाना के असरैन गांव निवासी हरिहर गंझू का पुत्र इंदल उर्फ ललन उर्फ उमा संगठन का बड़ा चेहरा था। उसके आत्मसमर्पण करने के बाद माओवादियों की कमर टूट गई है। अब क्षेत्र में गिने-चुने उग्रवादी ही रह गए हैं। बताया जाता है कि इंदल गंझू के आत्मसमर्पण करने के बाद आने वाले दिनों में दो-चार और उग्रवादी सरेंडर कर सकते हैं।
माओवादी संगठन में अफरा-तफरी का माहौल
हालांकि, इंदल गंझू के आत्मसमर्पण की पुष्टि अधिकारिक तौर पर नहीं हुई है। पुलिस के वरीय अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल वैसी कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसा कुछ हुआ तो निश्चित रूप से मीडिया को पहले खबर दी जाएगी। इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लावालौंग मुठभेड़ के बाद संगठन के भीतर अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। परिस्थिति को देखते हुए इंदल गंझू पुलिस कप्तान के संपर्क में आया और आत्मसमर्पण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। तीन दिन पहले इंदल समर्पण किया है।
नक्सली इंदल के खिलाफ हत्या, अपहरण, लेवी के दर्ज हैं दर्जनों मामले
रीजनल कमेटी सदस्य इंदल गंझू के विरुद्ध झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलों में चार से पांच दर्जन मामले दर्ज हैं, जिसमें पुलिस के साथ मुठभेड़, हत्या, अपहरण, लेवी आदि शामिल है। स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य गौतम पासवान के बाद रीजनल कमेटी सदस्य इंदल संगठन में गहरी पैठ रखता था।
3 अप्रैल को हुए मुठभेड़ में मारे गए थे 5 नक्सली
बताते चलें कि तीन अप्रैल को लावालौंग थाना क्षेत्र में पुलिस और माओवादी उग्रवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी, जिसमें स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य पच्चीस लाख का इनामी उग्रवादी गौतम पासवान उर्फ प्रवेश पासवान व अजीत उरांव उर्फ चार्लीस उरांव के अलावा पांच-पांच लाख का इनाम सब जोनल कमांडर नंदू यादव, अमर गंझू एवं संजीत भुइयां मारे गए थे, जबकि दो दिनों के बाद मुठभेड़ में जख्मी एक सब जोनल कमांडर को पलामू पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।