आज दिनांक 2 अक्टूबर को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची में गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को स्मरण कर उनके विचारों को संकल्प के तौर पर आत्मसात करने पर बल दिया गया। कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने इस मौके पर अपने उदबोधन में कहा कि इतने वर्षों के बाद भी महात्मा गांधी अपने विचारों के माध्यम से आज भी प्रासंगिक और अनुकरणीय है। उदाहरण के तौर पर पूरा देश आज जिस स्वच्छता अभियान को आत्मसात करने का प्रयास कर रहा है , उसकी संकल्पना आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व महात्मा गांधी ने दी थी।
आज भारत विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है, इसमें भी राष्ट्र की संप्रभुता, सामूहिकता और समाज के अंतिम व्यक्ति के प्रति सकारात्मक सोच की भावना महात्मा गांधी की परिकल्पना में शामिल थे। उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व जिस अहिंसा की बात बापू ने की थी आज सारा विश्व उसी शांति और सहयोग की दिशा तलाश कर रहा है। आज आवश्यकता इस बात की है कि उनकी जयंती पर उनके विचारों को आत्मसात कर संकल्पित होकर समाज, राज्य और देश के प्रति निष्ठा के साथ अपना योगदान दें।
आगे अपने उदबोधन में उन्होंने भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि सादगी के प्रतीक इस महान महापुरुष की जयंती भी आज है, इस मौके पर हम उन्हें किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके महत्व को दर्शाने के लिए , जय जवान, जय किसान के नारे के लिए याद करते हैं और साथ ही उनकी सरलता और विनम्रतापूर्ण व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की कोशिश करते है। उन्होंने दोनों महापुरुषों के जीवन से सीख लेने की बात कही। इस अवसर पर एनएसएस के विद्यार्थियों ने महात्मा गांधी से संबंधित वैष्णव जन गीत को गाया।
इसके उपरांत कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने एनएसएस और एनसीसी इकाई के शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ विश्वविद्यालय परिसर में कई पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ नमिता सिंह के अलावा एनएसएस और एनसीसी के dr शमा सोनाली, डॉ शालिनी लाल, डॉ शुचि संतोष बरवार और डॉ जीसी बास्के सहित एनएसएस और एनसीसी के लगभग 150 विद्यार्थियों की मौजूदगी रही। यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी।